एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार है?
कवि का श्री कृष्ण के प्रति जो प्रेम है उसके लिए वह कुछ भी न्योछावर कर सकता है। कवि के लिए श्री कृष्ण भगवान द्वारा गायों को चराने के लिए प्रयोग में लायी गयी लाठी और कम्बल बहुत महत्व रखते हैं। ये लाठी और कम्बल कवि के लिए कोई वस्तु नहीं है बल्कि उनके भगवान का प्यार और आर्शीवाद है। इस लाठी और कम्बल द्वारा वह अपने भगवान को महसूस कर सकते है। कवि का अपने भगवान के प्रति जो अनन्य प्रेम है वह उसके लिए कुछ भी कर सकते हैं और किसी भी रूप में जन्म ले सकते हैं। यहाँ तक कि ब्रज की कांटेदार-झाड़ियों के लिए वे सौ महलों को भी न्योछावर करने को तैयार है। इससे उनका जीवन सार्थक हो जाएगा। इसलिए रसखान जी श्री कृष्ण भगवान की एक लकुटी और कमरिया पर तीनो लोकों का राज़ न्योछावर करने को तैयार हैं।