‘काली तू---- ए आली!’ इन पंक्तियों में ‘काली’ शब्द की आवृत्ति से उत्पन्न चमत्कार का विवेचन कीजिए।
कवि ने अपनी पंक्तियों में काली विशेषण का प्रयोग अति सुंदर ढंग से किया है|
प्रस्तुत पंक्तियों में ‘काली’ शब्द का उपयोग अलग-अलग अर्थों में किया गया है। एक ओर कोयल का रंग काला है तो रात भी काली है अर्थात जब अंग्रेज सरकार भारतीयों पर गुलामी का पहर डाल रही थी
वही स्वातंत्र्य सेनानी को चोर -लुटेरों के साथ काली काल कोठरी में बंद किया गया था जहाँ
कालकोठरी भी काली थी। साथ ही काली शब्द का प्रयोग अंग्रेजों की काली सोच को प्रदर्शित करने के लिए भी किया गया है|
कालकोठरी में कैदियों की टोपी, कंबल और उनको बंधी गयी जंजीर भी काली था| इस प्रकार से इस पाठ में काली शब्द का प्रयोग अनेक अर्थों में किया गया है|