कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।


कविता की पहली और दूसरी पंक्ति को पढ़ते हुए मेरे मन में बच्चों के लिए बहुत दया और करुणा का भाव आता है। अत्यधिक सर्दी में छोटे- छोटे बच्चे काम पर जा रहे हैं। सड़कें कोहरे से ढकी हुई है, कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा है। ऐसे में भी बच्चे काम पर जाने के लिए मजबूर हैं। ये कैसी विडंबना है कि इतने छोटे बच्चों को इतनी सर्दी में घर पर बैठकर पड़ना चाहिए, खेलना- कूदना चाहिए, लेकिन वे अपने परिवार का पेट भरने के लिए वे काम पर जा रहे हैं। ये देखकर व्यवस्था पर बहुत गुस्सा आता है कि वे बालश्रम को ख़त्म करने के लिए कोई भी प्रयास नहीं कर रहे हैं। ये समस्या कब ख़त्म होगी, इसके लिए किसी के पास कोई उत्तर नहीं हैं।


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