गिल्लू की किन चेष्टाओं से आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?
लेखिका को गिल्लू के लगतार उसके सुस्त पड़ने से उसके अंत समय निकट आने का आभास मिलने लगा था। वास्तव में वह अपनी दो वर्षों की आयु को लगभग पूर्ण कर चुका था। अब वह सुस्त, धीमा एवं अस्वस्थ्य पड़ने लगा था। एक दिन वह सोनजुही की लता को छोड़कर लेखिका के घर में उनके बिस्तर पर निढाल हो कर गिर पड़ा था| वह उनकी उंगलियों को पकड़कर उनकी हथेलियों से चिपट गया। उसका शरीर बिल्कुल ठंडा पड़ता जा रहा था। लेखिका की उसे हीटर द्वारा गर्मी पहुंचाने का भी गिल्लू पर कोई असर नहीं हुआ। यह सब देखकर लेखिका को गिल्लू के अंत समय आने का आभास होने लगा।