किन कारणों से लेखक ने चिट्ठयों को कुंएँ से निकालने का निर्णय लिया ?


लेखक अपने बड़े भाई से बहुत डरते थे। लेखक को पता था कि अगर वह चिट्ठियों को कुँए में गिरने की बात को अपने बड़े भाई को बताएँगे तो उन्हें बहुत डांट और मार पड़ेगी और अगर वह झूठ बोलेंगे तो वह झूठ उनको जिंदगी भर जीने नहीं देगा। ऐसे समय में उन्हें अपनी माँ की गोद याद आ रही थी और वह चाहते थे की ये बात वो अपनी माँ को बता दें और माँ लाड- प्यार में ये बोल दे कि कोई बात नहीं, चिट्ठियां दोबारा लिख ली जाएंगी। ऐसे समय में उन्हें कहीं भाग जाने का भी मन हो रहा था। इसी सोच - विचार में पंद्रह मिनट हो गए थे। शाम भी हो रही थी और लेखक को घर भी समय पर पहुंचना था। इसलिए अपनी इन सभी दुविधाओं को दूर करने के लिए लेखक ने चिट्ठियों को कुँए से निकालने का निर्णय लिया।


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