कुँए में उतरकर चिट्ठियों को निकालने संबंधी साहसिक वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए?
लेखक के द्वारा कुँए में उतरकर चिट्ठियों को निकाल लाना एक बहुत सराहनीय और साहस का कार्य था। जबकि उस कुँए में एक काला सांप फन फैलाकर बैठा हुआ था, जो कभी भी हमला कर सकता था। लेखक ने अपने बड़े भाई का कार्य पूर्ण करने के लिए अपनी जान भी जोखिम में डाल दी थी। लेखक ने डंडे को लेकर ज्यों ही सांप के दायीं तरफ पड़ी चिट्ठिं पर बढ़ाया , त्यों ही सांप ने फुंकार करके डंडे पर प्रहार किया। सांप के इस प्रहार से लेखक काँप गया और बहुत तेजी से ऊपर की तरफ उछला। ऐसा बार - बार करने से लेखक और सांप की जगह बदल गयी और लेखक चिट्ठियों को पाने में कामयाब हो सका। फिर धीरे - धीरे हाथों की सहायता से कुँए की दीवार के सहारे लेखक कुँए से बाहर निकल गया।