लेखक के घर कौन-कौन सी पत्रिकाएँ आती थी?


लेखक के घर आर्यमित्र, वेदोदम, सरस्वती,गृहिणी आदि पत्रिकाएं आती थीं। साप्ताहिक पत्रिका आर्यमित्र थी यानि सप्ताह में एक बार यह पत्रिका आती थी। सरस्वती तो आजतक भी प्रकाशित होती चली आ रही है। ये पत्रिकायें लेखक के पिताजी ही बाजार से खरीद कर लाते थे। उनकी अपनी आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही थी। वास्तव में उस समय महात्मा गांधी के आह्वान पर अनेकों देशभक्तों ने सरकारी नौकरी को तिलांजलि दे दी थी। उनलोगों के द्वारा ऐसा करना महात्मा गांधी के हमारे देश को विदेशियों से मुक्त करने की दूरगामी सोच का ही एक अंग था। लेखक के पिताजी के मन में भी देशप्रेम की भावना जाग्रत होने पर उन्होंने अपनी नौकरी को ठोकर मार दी। उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गयी थी पर उन्होंने अपने घर में उपरोक्त पत्रिका लेना नहीं छोङा।


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