निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी सी पूजा अर्चना की और इनको बर्फ़ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।


आशय- बचेंद्री एवरेस्ट शंकुनुमा चोटी पर पहुंचने वाली प्रथम महिला थीं। ऐसा वे अपने साहस और हिम्मत के कारण कर पायी थीं। एवरेस्ट के ऊपर दो लोगों का एक साथ खड़ा होना भी मुश्किल क्योंकि वह उतना संकीर्ण स्थान था| उन्होंने सबसे पहले बर्फ को काटने के लिए फावड़े से खुदाई कर खुद को सुरक्षित किया और घुटनों के बल बैठकर सागरमाथा के ताज को चूमा। पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने एक लाल कपड़े में दुर्गा मां का चित्र और हनुमान चालीसा लपेटी और उसे बर्फ में दबा दिया। इस आनंद के पल में वह माता-पिता का स्मरण करने लगीं। यह बचेंद्री के लिए अत्यंत गौरव का क्षण था। आज भी बचेंद्री पाल को एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला के रूप में जाना जाता है।


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