निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख-सुविधाओं से ही कहीं अधिक महत्वपूर्ण थी।


सरस्वती का रामन् पर आशीर्वाद था और इसलिए रामन् सरस्वती के सच्चे साधक थे। वे जिज्ञासु प्रकृति के वैज्ञानिक तथा अन्वेषक थे। रामन् एक ऐसी नौकरी में थे जहाँ मोटी तनख्वाह और भरपूर सुख सुविधाएँ मिलती थी| बाद में उन्होंने उस नौकरी को छोड़कर ऐसी जगह नौकरी करने का निर्णय लिया जहाँ वे सारी सुविधाएँ नहीं थीं और वेतन तथा सुख सुविधाएँ भी पुरानी नौकरी की तुलना में बहुत कम थीं लेकिन इस नई नौकरी के साथ वे अपने शोध का कार्य पूरे तन-मन और धन से कर सकती थे| इससे स्पष्ट होता है कि उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख सुविधाओं से कहीं अधिक महत्वपुर्ण थी|


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