निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता के इन अंशों को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती है?
इन छंदों से पता लगता है कि दुनिया में भिन्न-भिन्न तरह के आदमी हैं। एक का कार्य-व्यवहार दूसरे से कभी नहीं मिल सकता है। कोई हमारे लिए अच्छा है तो कोई बुरा है। कोई पैसे वाला है तो कोई भिखारी का जीवन जी रहा है। कोई धर्मात्मा है तो कोई पाप किए बगैर रह नहीं सकता है। हर एक आदमी अपने हिसाब से सही है और इस संसार के प्रत्यके व्यक्ति में गुण अवगुण होते हैं|