निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

तू न थमेगा कभी


तू न मुडेगा कभी


ऊपर लिखी पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि कठिनाई भरे रास्ते पर चलते हुए इंसान को कभी डरकर रुकना नहीं चाहिए। भले ही रास्ते में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आ जाएं। उनसे लड़े बिना कभी पीछे नहीं मुड़ना चाहिए। ऐसे में कई बार मुश्किलें तुम्हारा रास्ता रोकेंगी। तुम्हे बिना रुके, बिना मुड़े उनका सामना करते हुए आगे बढ़ना होगा। सफर में मुश्किलों से लड़कर आगे बढ़ने वाले इंसान को ही कामयाबी मिलती है।


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