गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू ‘वक्त’ (समय) को ‘बखत’, ‘उम्र’ (पय-आयु) को ‘उमर’ कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को
खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।