बस, वश, बस’ तीन शब्द हैं। इनमें से ‘बस’ सवारी के अर्थ में, ‘वश’ अधीनता के अर्थ में, और ‘बस’ पर्याप्त(काफ़ी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है_ जैसे-बस से चलना होगा। मेरे वश में नही है। अब बस करो।

उपर्युक्त वाक्यों के समान वश और बस शब्द से दो-दो वाक्य बनाइए।



तीनों शब्दों से बने दो-दो वाक्य निम्नलिखित हैंः

बस (सवारी के अर्थ में)


(क) दो घंटे में कानपुर से दिल्ली के लिए बस मिलेगी, आप चले जाना।


(ख) मैंने सुबह ही बस का पास बनवा लिया था अब उसी से दिल्ली दर्शन करूंगा।


वश (अधीनता के अर्थ में)


(क) पिताजी का वश चले तो वो अपने बेटे को कभी हारने ना दें।


(ख) अपनी इंद्रियों को वश में करना इतना आसान नहीं होता।


बस (मात्र के अर्थ में)


(क) बस अब टीवी देखना छोड़ो और जाकर पढ़ाई करो।


(ख) बस करो, इतना ज्यादा बाहर खेलना अच्छी बात नहीं है।


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