क्या चिट्ठियों की जगह कभी फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल ले सकते हैं?
बदलते समय के साथ-साथ संचार के पुराने माध्यमों की जगह अत्य़ाधुनिक तकनीकों ने ले ली है, लेकिन चिट्ठी का अस्तित्व आज भी बरकरार है। इस बात में कोई संशय नहीं कि ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल से हमारे काम आसान हो गए है। जहां पहले अपनी बात को पत्र के जरिए पहुंचाने में हफ्ते लग जाते थे, वहीं अब मिनटों में आप विदेश में बैठे अपने करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों से बातचीत कर सकते हैं। इसी के चलते पत्रों की संख्या में बहुत कमी भी आई है, लेकिन पत्र से जो आत्मीयता, प्रेम तथा लगाव मिल जाता है वह संचार के इन दूसरे साधनों से कभी नहीं मिल सकता। इसलिए चिट्ठियों की जगह कभी कोई नहीं ले सकता।