क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।


हां, मैं लेखक की बात पूर्ण रूप से सहमत हूं। तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले की महिलाओं का जीवन बेहद दर्दनाक था। अत्यंत पिछड़ी पृष्ठभूमि की महिलाएं वहां घिसी-पिटी जिंदगी बिताने पर मजबूर थीं। ये सब पुरुषों की देन थी। उन महिलाओं ने अपना पिछड़ापन भगाने तथा उस घिसी-पिटी जिंदगी से निकलने का प्रयास किया। वहां से भागने के लिए उन्होंने साइकिल का इस्तेमाल किया। इसके बाद कहीं जाकर उनका आत्म-सम्मान जागा, खुशहाली बढ़ी और उन्होंने खुद को आत्मनिर्भर बनाया।


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