तुम्हारी बात

खेल-खिलौनों की दुनिया में तुमको परी बनाऊँगा।” बचपन में तुम भी बहुत से खिलौनों से खेले होगे। अपने किसी खिलौने के बारे में बताओ।



बचपन में हमने बैट बॉल का खेल बहुत खेला है। इस खेल का नाम क्रिकेट होने के बावजूद हम इसे बैट बॉल ही कहते थे। चार लोग मिल गए, बस बैट बॉल खेलना शुरू कर देते थे। इस खेल में कोई नियम नहीं होता था। बॉल फेंकना और उसे बैट से मारना, यही नियम होता था। बॉल को कैच कर लो तो आउट हो जाते थे। मुझे ये बैट बॉल पापा ने लाकर दिया था। धानी रंग की बॉल और क्रीम कलर का बैट मेरा सबसे पसंदीदा खिलौना था। मेरी बॉल को कोई हाथ भी लगाता तो मुझे गुस्सा आता था। बैट बॉल मेरी थी इसलिए मैं ही पहले बैटिंग करता था। 8 साल बीत जाने के बाद भी वो बैट बॉल मेरे पास सुरक्षित रखा है।


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