पाठ से

दोनों गौरैयों को पिताजी जब घस से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो माँ क्यों मदद नहीं कर रही थी? बस, वह हँसती क्यों जा रही थी?



घर में दो गौरैया आ गई थीं। दोनों ने पंखे के ऊपर अपना घोसला बना लिया था। मां ने देखकर कहा कि अब तो ये यहां से नहीं जाएंगी। तब पिता जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने गौरैया को भगाने की ठानी। वो उठे और ताली बजाकर गौरैया को भगाने की कोशिश करने लगे। गौरैया भी पंखे के ऊपर बने अपने घोसले झांकतीं, चीं चीं करतीं और फिर सिर अंदर कर बैठ जातीं। ये नजारा देख मां को हंसी आ गई। मां, पिता जी की मदद नहीं कर रही थीं। उल्टा हंसे जा रही थीं। माँ नहीं चाहती थी कि गौरैया का घर उजड़े और इसीलिये वह पिताजी जब गौरैया को घर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो उनकी मदद नहीं कर रही थी ताकि गौरैया का घोसला न उजाड़ जाए|


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