माँ की बात

नीचे माँ के द्वारा कही गई कुछ बातें लिखी हुई हैं। उन्हें पढ़ो।


“अब तो ये नहीं उड़ेंगी। पहले इन्हें उड़ा देते, तो उड़ जातीं। ”


“एक दरवाजा खुला छोड़ो, बाकी दरवाजें बंद कर दो। तभी ये निकलेंगी।”


“देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। अब तो इन्होंने अंडे भी दे दिए होंगे। अब ये यहाँ से नहीं जाएँगी।”


अब बताओ कि-


क) क्या मां सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना चाहती थीं?


ख) माँ बार-बार क्यों कह रही थीं कि ये चिड़ियाँ नहीं जाएँगी?



क) मां ने पहले पिताजी से कहा था कि गौरैया को निकाल दो तब पिताजी ने सुना नहीं। जब चिड़ियों ने घोसला बना लिया तो पिताजी उन्हें भगाने के लिए आतुर हो गए। फिर मां नहीं चाहती थीं कि उन गौरैयों का घर उजड़े। मां बार-बार पिताजी से कह रही थीं कि अब चिड़ियों को मत निकालो। उन्होंने अंडे दे दिए होंगे। पहले निकाल देते तो चली जातीं। मां नहीं चाहती थीं कि गौरैया घर से बाहर जाएं।


ख) जब घर में गौरैया आ गई तो भी मां को चिंता हुई कि वो घर गंदा करेंगी। उन्होंने पिताजी से बोला कि गौरैया को निकाल दो। पिताजी ने भी गौरैयों को भगाने की कोशिश की थी। जब मां ने देखा कि गौरैयों ने घोसला बना लिया है तो वो उसे उजाड़ना नहीं चाहती थीं। इसी वजह से उन्होंने पिजाजी से कहा कि अब वो नहीं भागेंगी। अब तो उन्होंने अंडे भी दे दिए होंगे। पहले निकाल देते तो भाग जातीं।


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