सोचो-समझो और बताओ

क्या होगा-


अगर वर्षा बिलकुल ही न हो।



अगर वर्षा न हो तो किसान के हरे-भरे खेत बंजर भूमि में तब्दील हो जाएंगे। नदी नालों और झरनों की बजाए चारों ओर सूखा पड़ जाएगा। धरती का तल सूखने लगेगा। समुद्र और नदियों का जल स्तर गिरने लगेगा। पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। यदि बादलों से पानी नहीं बरसेगा तो निश्चित ही इस सृष्टि का अंत हो जाएगा। यदि वर्षा न हो तो किसान को खेतों के लिए पानी भी नहीं मिल सकेगा और अगर खेती ही नहीं होगी तो हमें खाने के लिए सब्जियां और फल नहीं मिल सकेंगे।


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