निबंध या संस्मरण
इस पाठ में भोपाल गैस त्रासदी का वर्णन हुआ है, जिसे त्रासती को सहने वाली सलमा ने ‘वह सुबह कभी तो आएगी’ शीर्षक से लिखा है। अब तुम बताओ कि-
अगर इसे कोई कहानी कहे तो क्या होगा?
अगर इसे कहानी कहा जाए तो इसमें से दर्द का वो भाव खत्म हो जाएगा जिसे सलमा लोगों तक पहुंचाना चाहती है। चूंकि कहानियां काल्पनिकता पर आधारित होती है, इस वजह से लोग उसकी सच्ची कहानी को ध्यानपूर्वक नहीं सुनेंगे। इसे कहानी कहे जाने पर सलमा के दर्द की आपबीती काल्पनिक किस्से-कहानियों की भीड़ में खोकर रह जाएंगे। अगर सलमा के दर्द को समाज के सामने उसी प्रकार से रखना है जैसा कि उसने महसूस किया है तो इसे कहानी के रूप में पेश करना तर्कसंगत नहीं होगा|