इस कहानी में कई बार ऋण लेने की बात आपने पढ़ी। अनुमान लगाइए किन-किन परिवारिक परिस्थितियों में गांव के लोगों को ऋण लेना पड़ता होगा और यह उन्हें कहां से मिलता होगा? बड़ों से बातचीत कर इस विषय में लिखिए।


अक्सर गांव और शहरों में रहने वाले लोग किसी न किसी वजह से ऋण लेते हैं। ये ऋण वे घर बनवाने, जमीन खरीदने, दुकान खरीदने, गाय या भैंस खरीदने, शादी या अन्य त्योहारों को मनाते हुए पैसे की कमी होने पर लेते हैं।

उन्हें ये ऋण साहूकार, राजा, दोस्त, रिश्तेदार या बैंक से मिलता है| ऋण लेने के बाद उन्हें ये तय समय सीमा के अंदर चुकाना भी होता है। ना चुकाने पर ऋण का ब्याज बढ़ता जाता है। जिससे बाद में चुकाने पर ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं।


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