कविता की भाषा में लय या तालमेल बनाने के लिए प्रचलित शब्दों और वाक्यों में बदलाव होता है। जैसे- आगे-पीछे अधिक प्रचलित शब्दों की जोड़ी है, लेकिन कविता में पीछे-आगे का प्रयोग हुआ है। यहाँ आगे का ‘-----बोली ये धागे से ध्वनि का तालमेल है। इस प्रकार के शब्दों की जोडि़यों में आप भी परिवर्तन कीजिए- दुबला-पतला, इधर-उधर, ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं, गोरा-काला, लाल-पीला आदि।




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