मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए


उत्तर प्रदेश के बनारस में एक व्यापारी रहता था। उसका नाम सोनेलाल था। वह सुनार का काम करता था और उसकी एक सोने की दुकान भी थी। उसका धंधा बढ़िया चल रहा था। सोनेलाल पूरे शहर में अपने सोने के काम के लिए मशहूर हो गया था। उसकी दुकान में करीब 10 लोग काम करते थे। सभी वफादार थे।

सोनेलाल दिल का सच्चा और दयालु व्यक्ति था। वो जरूरतमंदों की सहायता करता था। उसके घर में बीवी और दो बच्चे थे। एक बार उसकी दुकान पर एक व्यक्ति रोजगार मांगने के लिए आया। इस व्यक्ति का नाम सुरेंद्र था। सुरेंद्र ने बताया कि वो बहुत ईमानदार है और मन लगाकर काम करेगा।


सुरेंद्र के बहुत कहने पर सोनेलाल ने उसे काम पर रख लिया। अगले दिन से ही सुरेंद्र काम पर आने लगा। सुरेंद्र बहुत मेहनत करता था। सोनेलाल भी उसकी मेहनत देखकर काफी खुश था। एक बार सोनेलाल को काम से दूसरे शहर जाना था। उसने सारी जिम्मेदारी सुरेंद्र को दी और कहा कि वो घर और दुकान को अच्छे से संभाले।


सोनेलाल चार दिन के लिए शहर से बाहर चला गया। सोनेलाल चार दिन बाद घर लौटा। जब सोनेलाल ने घर में प्रवेश किया तो देखा वहां भीड़ लगी हुई थी। उसने आगे बढ़कर देखा तो उसकी पत्नी और बच्चों की किसी ने हत्या कर दी थी। साथ ही पूरे घर का कीमती सामन चोरी हो चुका था। सोनेलाल की पूरी दुनिया उजड़ चुकी थी।


काफी छानबीन के बाद सोनेलाल को पता चला कि ये जुर्म किसी और ने नहीं बल्कि सुरेंद्र ने किया था। वो एक बदमाश था जो बहरूपिया बनकर सोनेलाल की दुकान पर काम मांगने आया था।


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