इस कहानी को पढ़कर क्या आपको यह अनुभूति हुई कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से अपने मन का दुःख कम हो जाता है? समूह में बातचीत कीजिए।


कहते हैं कि सुख बांटने से सुख और दुख बांटने से दुख बढ़ता है। रोहिणी ने मिठाईवाले से उसकी जीवन कहानी जाननी चाही। इस पर मिठाईवाले ने रोहिणी और दादी को अपने बारे में सबकुछ बता दिया। जबकि रोहिणी और दादी मिठाईवाले के लिए बिल्कुल अंजान थी। जब उसे रोहिणी और दादी से प्यार और हमदर्दी मिली तो वो भी खुद को नहीं रोक पाया। ये सारी बातें बताकर उसके मन का दुख थोड़ा कम हो गया। इसी वजह से उसने मिठाई के पैसे लेने से भी मना कर दिया। हमें भी हमेशा अपने आस पास के लोगों से प्यार से बात करनी चाहिए।


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