साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।


धनराज पिल्लै जमीन से जुड़े हुए, शोहरत को सिर पर हावी न होने देने वाली शख्सियत हैं| उनमें अपने खेल के प्रति जुनून, सम्मान और कुछ कर गुजरने की इच्छा थी जिसने उन्हें सफलता के ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया जहां पहुंचने का सपना हर किसी का होता है। इस साक्षात्कार के दौरान धनराज ने अपनी निजी जिंदगी के बारे में कुछ ऐसी चीजें बताई हैं जो मन को झिंझोर देती है। जैसे उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपनी हॉकी स्टिक खरीद सके। इस वजह से वह अपने दोस्तों के अभ्यास खत्म होने का इंतजार करते ताकि वह उनकी स्टिक से अभ्यास कर सके। यह बात मीडिया के सामने का कहने का दम कुछ ही लोगों में होता है। उनमें से एक धनराज पिल्लै हैं। वह बाहर से गुस्सैल, संकी और अव्यावहारिक प्रतीत होते हैं लेकिन वे अन्दर से सरस, नरम दिल, परिश्रमी और एक आम इन्सान की तरह सरल थे|


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