हमारे यहाँ बहुत से काम लोग खुद नहीं करके किसी पेशेवर कारीगर से करवाते हैं। लेकिन गांधी जी पेशेवर कारीगरों के उपयोग में आनेवाले औजार-छेनी, हथौड़े, बसूले इत्यादि क्यों खरीदना चाहते होंगे?
गांधी जी छेनी, हथौड़े, बसूले इत्यादि इसलिए खरीदना चाहते होंगे ताकि-
(1) गांधीजी स्वयं एवं आश्रम में रहने वाले अन्य लोग आश्रम में इस प्रकार के काम को स्वयं अथवा अन्य लोगों के माध्यम से करा सकें|
(2) एक बार भले ही पैसा खर्च हो लेकिन अगली बार खुद के सामान की वजह से किसी भी काम को कराने में लागत कम आएगी।
(3) व्यक्ति को उसकी रुचि के अनुसार काम दिया जा सके।
(4) अपने खरीदे हुए सामान को कुछ नुकसान भी पहुंचे तो किसी के प्रति जवाबदेही नहीं होगी।
(5) किराए पर लाएंगे तो पैसा ज्यादा देना पड़ेगा। ऐसे में जितनी कि वह चीज नहीं होगी उतना तो किराया चला जाएगा।