कक्षा के बाकी विद्यार्थी स्वयं अलबम क्यों नहीं बनाते थे? वे राजप्पा और नागराजन के अलबम के दर्शक मात्र क्यों रह जाते हैं? अपने शिक्षक को बताओ।
कक्षा में राजप्पा के अलावा किसी को भी टिकट इकट्ठा करने का शौक नहीं था। उसने एक—एक टिकट के बहुत मेहनत की थी। उसके पास हर देश की टिकट थी। उसका अलबम बहुत बड़ा और सुंदर था। वहीं नागराजन के मामा उसके लिए सिंगापुर से टिकट अलबम लाए थे। उसे उसमें कोई मेहनत नहीं करनी पड़ी थी। नागराजन से पहले विद्यार्थी सिर्फ राजप्पा का टिकट अलबम देखा करते थे। लेकिन जब नागराजन का नया अलबम आया तो छात्रों ने राजप्पा का अलबम देखना छोड़ दिया। छात्र सिर्फ अलबम को देखकर ही संतुष्ट हो जाते थे। उनकी टिकट इकट्ठा करने या अलबम बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी।