कुछ कहानियाँ सुखांत होती हैं और कुछ दुखांत। इस कहानी के अंत को तुम दुखांत मानोगे या सुखांत? बताओ।


इस कहानी का अंत बेहद दुखद था। राजप्पा के मन में अपराध की भावना आ जाती है। वहीं नागराजन को भी अपना अलबम गंवाना पड़ता है। राजप्पा से नागराजन का दुख देखा नहीं जाता इसलिए वह उसे अपना अलबम दे देता है। जबकि राजप्पा को अपना अलबम बहुत प्यारा था। उसने उसे बहुत मेहनत से बनाया था। राजप्पा इस घटना के बाद अंदर ही अंदर घुट रहा था लेकिन नागराजन की खुशी के लिए वो चुप रहा। जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था।


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