कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ क्यों कहा गया है?


इस कविता में बच्ची हमेशा छोटी रहना चाहती है। वह चाहती है कि बस समय रुक जाए और उसकी दुनिया मां के आसपास ही रहे। उसे लगता है कि बड़े होने पर मां के आंचल की छांव से दूर हो जाएगी। इसी वजह से बच्ची कभी भी बड़ी नहीं होना चाहती। अगर मेरे नजरिए से देखें तो मैं भी हमेशा से यही चाहती थी। बड़े होने पर न केवल आपकी दुनिया में कई और लोग आ जाते हैं बल्कि कुछ बनने की होड़ में कई रिश्ते पीछे भी छूट जाते हैं। इसलिए मुझे भी कभी भी बड़े होना पसंद नहीं था।


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