इस कविता को पढ़ने के बाद एक बच्ची और उसकी माँ का चित्र तुम्हारे मन में उभरता है। वह बच्ची और क्या-क्या कहती होगी? क्या-क्या करती होगी? कल्पना करके एक कहानी बनाओ।


कविता के आधार पर इतना तो साफ है कि बच्ची मां को एक पल के लिए अकेले नहीं रहने देती होगी। वहां 24 घंटे मां के साथ साएं की तरह रहती होगी। जहां-जहां मां होती होंगी वहीं पर बच्ची भी रहती होगी। बच्ची बोलने वाली भी लगती है यानी कि वह दिनभर अपनी मां से न जाने कौन-कौन से सवाल करती रहती होगी। कुछ सवाल का जवाब तो खुद दे देती होंगी बाकि सवालों के जवाब के लिए उसे अपने पति यानी कि बच्ची के पिता के पास भेज देती होंगी। पिता भी बच्ची के कुछ सवाल का जवाब देते होगें और फिर बाद में बच्ची के लिए कॉर्टून नेटवर्क लगा देते होंगे। इस तरह से बच्ची मां और पिता दोनों को अपने में उलझाए रहती होगी।


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