आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसी मत दिखाई देना?


कविता में माँ के द्वारा बेटी को कहे गये इस कथन में माँ के दैनिक जीवन का यथार्थ छिपा है| माँ अपनी बेटी को समाज की उस वास्तविकता से अवगत करवाना चाहती है जिसमें बेटियों को कोमल एवं कमज़ोर माना जाता रहा है और लड़को से कम आंका जाता है इस कारण से बेटियाँ सदा से ही सामाजिक शोषण का शिकार होती रही है| यहाँ माँ अपनी बेटी को बुराइयों के प्रति सतर्क रहने एवं उनका बहादुरी से सामना करने की हिदायत दे रही है|


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