इस आत्मकथ्य में मुहावरों का प्रयोग करके लेखिका ने रचना को रोचक बनाया है। रेखांकित मुहावरों को ध्यान में रखकर कुछ और वाक्य बनाएँ-

(क) इस बीच पिता जी के एक निहायत दकियानूसी मित्र ने घर आकर अच्छी तरह पिता जी की लू उतारी।


(ख) वे तो आग लगाकर चले गए और पिता जी सारे दिन भभकते रहे।


(ग) बस अब यही रह गया है कि लोग घर आकर थू-थू करके चले जाए।


(घ) पत्र पढ़ते ही पिता जी आग-बबूला हो गए।


(क) लू उतारी– समय पर काम पूरा न करने पर मालिक ने अच्छी तरह से नौकर की लू उतारी ।

(ख) आग लगाना-कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो घर में आग लगाने का काम करते हैं।


(ग) थू-थू करना-रमेश के फेल होने पर सब लोग थू-थू कर रहे थे।


(घ) आग-बबूला–मेरे स्कूल नहीं जाने से पिताजी आग-बबूला हो गए।


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