वास्तविक अर्थों में ‘संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहा जा सकता है?


ऐसा व्यक्ति जो अपनी योग्यता और बुद्धि के आधार पर नए तथ्य की खोज करता है, नए सिद्धांत स्थापित करता है, उसके वावजूद भी वह स्वभाव से साधारण एवं विनम्र रहता है संस्कृत व्यक्ति कहलाता है|

उदाहरण के तौर पर देखें तो महानतम वैज्ञानिक न्यूटन ने अपने बुद्धि का उपयोग कर भौतिकी के सबसे मूल नियम जिसे गुरुत्वाकर्षण का नियम कहते हैं को भौतिकी में प्रतिस्थापित किया| इसी कारण उन्हें संस्कृत व्यक्ति कहना उचित होगा| ऐसे व्यक्ति संस्कृत व्यक्ति ऐसे व्यक्ति होते हैं जिनमें विशिष्ट गुण होते हैं, जो बहुत प्रतिभाशाली होते हैं, विनम्र होते हों, साधारण होते हैं, दुनिया एवं समाज को एक बेहतर नजरिये से वे देख पाते हैं एवं उसे समझने की कोशिश करते हैं| ऐसे व्यक्ति संस्कृत व्यक्ति कहलाते हैं|


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