स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी?


ऐसे लेखों से स्वाधीनता आंदोलन में भाग लेने वाले लोगों को अपनी मातृभूमि को स्वतंत्र कराने के लिए आत्म बलिदान देने की प्रेरणा प्राप्त होती होगी एवं राष्ट्रप्रेम की भावना बलवती हो उठती होगी। इन लेखों को पढ़कर जनसमूह अंग्रेजों की निर्दयता से परिचित होकर उसके विरोध से भर जाता होगा। अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना उनके मन में भी जागकर उनमें जोश भर देती होगी| अनेक भारतवासी ऐसी लेखों को पढ़कर स्वाधीनता आंदोलन में कूद पड़े होंगे। इसी कारण उन्होंने निडरता पूर्वक विदेशी शक्तियों का डटकर मुकाबला किया| इस प्रकार के लेखन से आम आदमी भी अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए प्रेरित हो उठता है और अपने लक्ष्य को पूरा करने में सफलता प्राप्त करता है। इस तरह के लेखों ने स्वतंत्रता आन्दोलन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी|


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