इस पाठ में रिपोर्ताज के प्रारंभिक रूप् की झलक मिलती है लेकिन आज अखबारों में अधिकांश खबरें रिपोर्ताज की शैली में लिखी जाती हैं। आप-

(क) कोई दो खबरें किसी अखबार से काटकर अपनी कॉपी में चिपकाइए तथा कक्षा में पढ़कर सुनाए।


(ख) अपने आसपास की किसी घटना का वर्णन रिपोर्ताज शैली में कीजिए।


(क) हिंदुस्तान ०६ दिसंबर, २०१९ से समाचार

जम्मू-कश्मीर: किश्तवाड़ में मिनी बस खाई में गिरी; 17 की मौत, 11 घायलों को एयरलिफ्ट किया


श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के ठाकरी में शुक्रवार सुबह एक मिनी बस फिसलकर 300 फीट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई, 16 जख्मी हुए। गंभीर रूप से जख्मी हुए 11 लोगों को हेलिकॉप्टर से जम्मू के अस्पताल ले जाया गया।


पुलिस अधीक्षक राजिंदर गुप्ता ने बताया कि हादसा सुबह करीब 10 बजे हुआ। बस किश्तवाड़ से केशवान जा रही थी। इसी दौरान ड्राइवर ने बस से नियंत्रण खो दिया। वह 300 फीट गहरी खाई में गिर गई।


तेंदुए का शव मिला, जबड़ा, पंजे व पूंछ गायब; इटारसी से जांच के लिए आज आएगा डॉग स्क्वॉयड


सेंधवा/बड़वानी. एबी रोड पर शहर से 15 किमी दूर जामन्या के पास उमरियापानी गांव के पहाड़ी क्षेत्र में 1 किमी नीचे तेंदुआ मृत अवस्था में मिला। शव क्षत-विक्षत हो चुका था। जबड़ा, पंजे और पूंछ गायब थे। मंगलवार को वन विभाग का अमला शव को ऊपर लेकर आया। डॉग स्क्वॉड बुलाने के कारण बुधवार को पोस्टमार्टम होगा। इसके बाद मौत का कारण सामने आएगा। वन विभाग के कर्मचारियों को तेंदुआ मृत अवस्था में पड़े होने की सूचना मिली। मंगलवार सुबह अमला मौके पर पहुंचा। अफसरों का रास्ता देखा। डीएफओ केएस पट्‌टा और एसडीओ सेंधवा पहुंचे। नीचे उतरकर मौके पर पहुंचे। इसके बाद शव को ऊपर लाया गया। शव क्षतविक्षत हो गया था। पंजे, जबड़ा और पूंछ नहीं थी। दुर्गंध आ रही थी। इस दौरान तीन पशुचिकित्सक भी मौजूद रहे। अफसरों के अनुसार मौत 15 दिन पहले हुई होगी। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि यह सामान्य मौत है या किसी ने शिकार किया है। हालांकि हकीकत पोस्टमार्टम के बाद ही सामने आएगी।


(ख) वह दिन इस शहर के हर इंसान के लिए काला दिन बन चुका था। गुरुवार का दिन था जब पूरे शहर में यह खबर हवा की तरह फैल गई थी कि एक सोलह मंजिलों की इमारत हवा की तरह भस्म हो गई। जैसे ही यह खबर फैली वैसे ही लोग मदद के लिए दौड़े| उस दलदल में सौ से अधिक लोगों के दबे रहने की आशंका थी। पुलिस, बचाव दल, अस्पताल की गाड़ियाँ आदि बड़ी तेजी से इस ओर भागते हुए मदद के लिए आ रहे थे। बच्चे, बुजुर्ग एवं युवा सभी तरह के लोग इस दलदल में दबे थे। जैसे जैसे दलदल हटाया जा रहा था वैसे वैसे इंसान के शव मिलने लगे थे। इस प्रकार अंत तक मरने वालों की संख्या सौ से अधिक हो चुकी थी एवं जख्मी लोगों को अस्पताल ले जाया जा रहा था। इस घटना से सभी दंग रह गए थे। एक ही झटके में हँसते खेलते अनेक घर बरबाद हो गए थे। शहर के सभी नागरिकों के मन में इस दुर्घटना को लेकर तीव्र आक्रोश था और वे सब चाहते थे कि इस दुर्घटना के दोषी को शीघ्रताशीघ्र दंडित किया जाए|


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