कबीर ने ईश्वर को ‘सब स्वाँसों की स्वाँस में’ क्यों कहा है?


सभी प्राणियों, मनुष्यों एवं इस सम्पूर्ण संसार एवं समाज की रचना ईश्वर ने की है और ईश्वर प्रत्येक प्राणी की साँसों में समाया हुआ है| पृथ्वी पर प्रत्येक प्राणी का अस्तित्व ईश्वर से ही है| इसी कारण से कवि ने ईश्वर को ‘सब स्वाँसों की स्वाँस’ में कहा है।


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