रस्सी’ यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है?


यहाँ ‘रस्सी’ शब्द का प्रयोग मनुष्य की ‘सांस’ या ‘प्राण’ के लिए हुआ है, जिसके सहारे मनुष्य अपनी शरीर-रूपी नाव को खींच रहा है। यह सांस अथवा प्राण रुपी रस्सी बहुत कमजोर है, कब टूट जाए अर्थात कब इन्सान मृत्यु को प्राप्त हो जाए कोई भरोसा नहीं|


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